RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि, यह किसी पंथ या संप्रदाय की लड़ाई नहीं है। अभी जो लड़ाई चल रही है यह धर्म और अधर्म की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि, हमारे यहां धर्म पूछकर किसी को नहीं मारा जाता लेकिन कट्टरपंथियों ने पहलगाम में जो उत्पात किया, धर्म पूछकर मारा, हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा। लेकिन अपने संप्रदाय को लेकर गलत मतलब निकालने वाले कट्टरपंथी ऐसा करेंगे इसलिए देश ताकतवर होना चाहिए।
असुरों का अंत करना है तो अष्ट भुजाओं की शक्ति होनी ही चाहिए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया ने कहा कि, इस घटना से हम सभी दुखी हैं, सबका मन दुखी है, सब परिवार जनों के दुख में हम सब सहभागी हैं। लेकिन हमारे मन में गुस्सा है और होना भी चाहिए क्योंकि असुरों का अंत करना है तो अष्ट भुजाओं की शक्ति होनी ही चाहिए। मोहन भागवत ने अपने संबोधन में आगे कहा कि,सृष्टि की कुछ चीजे हैं जिसको सुधारना पड़ता है, लेकिन सृष्टि में कुछ ऐसे लोग हैं जो नहीं सुधरते है क्योंकि जो शरीर बुद्धि मन उन्होंने धारण किया है उसमें अब परिवर्तन संभव नहीं है।
दुष्ट लोगों का वध होना चाहिए - मोहन भागवत
उन्होंने अपने इस संबोधन में आगे कहा कि, अगर हम सोच ले कि अब सेना की जरूरत नहीं है, कोई युद्ध नहीं होगा। अगर गफलत में रहे तो 1962 में प्रकृति ने हमें एक पाठ सिखाया। अब हम रक्षा के बारे में एक से बढ़कर एक अच्छा होने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए ऐसे दुष्ट लोगों का वध होना चाहिए। RSS प्रमुख ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, पहलगाम की घटना से क्रोध है और अपेक्षा भी है। अपेक्षा पूरी होगी मुझे ऐसा लगता है।